पूर्णिया एयरपोर्ट: सीमांचल की आस हुई पंखों पर — अपडेट जानें
पूर्णिया और आसपास के सीमांचल क्षेत्र के लोगों का लंबे समय से सपना रहा है कि उन्हें सीधा हवाई सफर की सुविधा मिले। अब यह सपना जल्द ही पूरा होने वाला है। पूर्णिया एयरपोर्ट पर निर्माण कार्य लगभग अंतिम चरण में है और सरकार ने इसे सितंबर 2025 से शुरू करने की घोषणा की है। यह कदम न केवल यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा बल्कि पूरे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी नई दिशा देगा।
निर्माण कार्य और सुविधाएं
पूर्णिया एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भवन आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। लगभग 3,000 वर्ग मीटर में बने इस टर्मिनल में छह चेक-इन काउंटर, दो आगमन और दो प्रस्थान गेट, एक कन्वेयर बेल्ट और सुरक्षा जांच के लिए उन्नत स्कैनिंग मशीनें होंगी। यह टर्मिनल एक समय में लगभग 150 यात्रियों को संभालने की क्षमता रखेगा। वार्षिक यात्री क्षमता करीब एक लाख तय की गई है।
यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टर्मिनल का इंटीरियर स्थानीय कला और संस्कृति को दर्शाएगा। मंजुषा पेंटिंग जैसी पारंपरिक कला से सजावट की जाएगी ताकि यात्री सीमांचल की झलक महसूस कर सकें। एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए लगभग 1.7 किलोमीटर लंबी सीमा दीवार बनाई जा रही है और रनवे पर आधुनिक लाइटिंग सिस्टम भी लगाया जा रहा है।
उद्घाटन की तैयारी
सरकारी सूत्रों के अनुसार, 15 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एयरपोर्ट का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। इसके पहले 5 सितंबर तक सभी शेष कार्यों को पूरा करने की समयसीमा तय की गई है। राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उद्घाटन से पहले सभी सुविधाएं यात्रियों के उपयोग के लिए तैयार हों।
उपमुख्यमंत्री ने हाल ही में समीक्षा बैठक के दौरान काम में हो रही देरी पर नाराज़गी भी जताई थी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि सीमांचल के लाखों लोगों की उम्मीदों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सीमांचल को बड़ी राहत
पूर्णिया एयरपोर्ट के शुरू होने से न सिर्फ पूर्णिया बल्कि कटिहार, किशनगंज और अररिया जिलों के लोग भी लाभान्वित होंगे। अब तक इन क्षेत्रों के यात्रियों को पटना, बागडोगरा या रांची जाना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें अपने ही क्षेत्र से सीधा हवाई संपर्क मिलेगा।
यह सुविधा व्यापारियों, छात्रों और नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी राहत होगी। सीमांचल से बाहर पढ़ने और काम करने वाले युवाओं को अब लंबा सफर तय करने की ज़रूरत नहीं रहेगी।
विकास की नई संभावनाएं
हवाई संपर्क मिलने के बाद इस क्षेत्र में निवेश और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है। पर्यटन के क्षेत्र में भी इसका सीधा असर पड़ेगा क्योंकि पूर्णिया और आसपास के जिलों में प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक स्थल और सांस्कृतिक धरोहरों की भरमार है।
विशेषज्ञों का मानना है कि एयरपोर्ट शुरू होने से सीमांचल क्षेत्र नेपाल और उत्तर-पूर्व भारत के लिए भी एक रणनीतिक केंद्र बन सकता है। यह सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह इलाका भारत-नेपाल सीमा से सटा हुआ है।
बिहार में उड्डयन का विस्तार
पूर्णिया एयरपोर्ट के साथ-साथ राज्य सरकार बिहटा और रक्सौल में भी हवाई अड्डे विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। मधुबनी, सहर्सा, वाल्मीकिनगर और मुजफ्फरपुर जैसे छोटे हवाई अड्डों को भी UDAN योजना के तहत जोड़ा जाएगा। आने वाले कुछ वर्षों में बिहार में कुल 12 एयरपोर्ट सक्रिय होंगे।
यह कदम बिहार को हवाई नेटवर्क में और मज़बूत करेगा और यात्रियों को नए विकल्प प्रदान करेगा।
निष्कर्ष
पूर्णिया एयरपोर्ट केवल एक अवसंरचना परियोजना नहीं है, बल्कि सीमांचल के लिए विकास और प्रगति की नई उड़ान है। 15 सितंबर को जब इसका उद्घाटन होगा तो यह दिन इस क्षेत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में दर्ज होगा। अब सीमांचल की जनता भी गर्व से कह सकेगी कि उनकी उड़ान को आखिरकार पंख मिल गए हैं।
पूर्णिया एयरपोर्ट उद्घाटन 2025: ताज़ा अपडेट
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सीमांचल के यात्रियों को क्या फायदे मिलेंगे पूर्णिया एयरपोर्ट से?
पूर्णिया एयरपोर्ट टाइम टेबल और टिकट बुकिंग जानकारी
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