पूर्णिया एयरपोर्ट पर तेजी से हो रहा काम, उद्घाटन 15 सितम्बर को संभावित

 पूर्णिया :

बिहार के लोगों का वर्षों पुराना सपना अब सच होने जा रहा है। पूर्णिया एयरपोर्ट पर लंबे समय से चल रहा निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में पहुँच चुका है। 1 सितम्बर 2025 तक टर्मिनल बिल्डिंग, रनवे और अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों में तेज़ी से काम पूरा किया गया। अब पूरा जिला और आसपास के इलाके इस एयरपोर्ट के शुरू होने का इंतज़ार कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितम्बर 2025 को इस एयरपोर्ट का औपचारिक उद्घाटन करेंगे।

आज हुआ काम

सोमवार को एयरपोर्ट परिसर में कई अहम कार्य पूरे किए गए।

  • टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर फिनिशिंग टच दिया गया।

  • सुरक्षा जांच के लिए अत्याधुनिक एक्स-रे मशीन और स्कैनर लगाए गए।

  • रनवे पर पेंटिंग और लाइटिंग सिस्टम का अंतिम निरीक्षण हुआ।

  • एप्रन एरिया में विमान पार्किंग स्टैंड को तैयार कर लिया गया।

इन कार्यों के पूरा होने के बाद एयरपोर्ट संचालन के लिए लगभग तैयार हो चुका है।

अब भी बाकी काम

हालांकि कई छोटे-छोटे कार्य अभी बाकी हैं।

  • DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) की अंतिम सुरक्षा जांच अभी होनी है।

  • एयरलाइंस कंपनियों को स्लॉट और शेड्यूल अलॉट करना बाकी है।

  • CISF जवानों की तैनाती और स्टाफ की ट्रेनिंग का काम जारी है।

  • उद्घाटन समारोह की तैयारी और प्रोटोकॉल फाइनल करना है।



स्थानीय लोगों में उत्साह

पूर्णिया और कोसी-सीमांचल क्षेत्र के लोगों के बीच हवाई सेवा को लेकर जबरदस्त उत्साह है। अभी तक लोगों को हवाई सफर के लिए बागडोगरा, दरभंगा या पटना एयरपोर्ट जाना पड़ता था, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती थी। लेकिन अब पूर्णिया एयरपोर्ट से दिल्ली, कोलकाता और पटना जैसी जगहों के लिए सीधी उड़ानें शुरू होने की संभावना है।

बिहार के लिए बड़ा कदम

पूर्णिया एयरपोर्ट के शुरू होने से न सिर्फ पूर्णिया जिला बल्कि कटिहार, अररिया, किशनगंज, सुपौल और मधेपुरा जैसे जिलों के यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी। इससे व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी तेजी आएगी। पर्यटन को भी इससे बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि यह इलाका नेपाल और उत्तर-पूर्व भारत से जुड़ने का अहम केंद्र बन सकता है।

निष्कर्ष

पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन 15 सितम्बर 2025 को होने की पूरी संभावना है। इसके बाद यहां से वाणिज्यिक उड़ानें शुरू होंगी, जिससे सीमांचल के लोगों का सपना पूरा होगा। यह बिहार के विकास में एक नया अध्याय जोड़ने वाला कदम साबित होगा।

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