✈️ पूर्णिया एयरपोर्ट उद्घाटन 2025: 15 सितंबर से उड़ानें शुरू

पूर्णिया एयरपोर्ट (Purnia Airport IATA Code – PXN) आखिरकार तैयार हो चुका है और अब सीमांचल के लोगों का वर्षों पुराना सपना पूरा होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर 2025 को इस एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन के बाद यहां से पहली उड़ान दिल्ली और कोलकाता के लिए संचालित होगी।

🛫 एयरपोर्ट की मुख्य जानकारी

  • स्थान: पूर्णिया, बिहार

  • IATA कोड: PXN

  • उद्घाटन तिथि: 15 सितंबर 2025

  • पहली उड़ानें: दिल्ली और कोलकाता

  • निर्माण लागत: लगभग ₹40 करोड़

  • योजना: UDAN (उड़े देश का आम नागरिक)

🏗️ पूरी हुई तैयारियां

एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग, रनवे, रोड कनेक्टिविटी और यात्री सुविधाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं। बताया जा रहा है कि 2 सितंबर 2025 से फ्लाइट बुकिंग शुरू हो सकती है।

🌍 क्षेत्र के लिए बड़ा बदलाव

पूर्णिया एयरपोर्ट के शुरू हो जाने से अब सीमांचल और उत्तर बिहार के यात्रियों को पटना या बागडोगरा जाने की जरूरत नहीं होगी। यह एयरपोर्ट सीधी हवाई सेवा देगा, जिससे पर्यटन, व्यापार और रोजगार को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा।


“पूर्णिया एयरपोर्ट (IATA: PXN) की तैयारियां पूरी हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर 2025 को एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। पहली उड़ान दिल्ली और कोलकाता के लिए होगी। जानें पूरी जानकारी।”

Comments

Popular posts from this blog

Dalkhola passengers demand better trains!

🌍 मोदी–शी जिनपिंग मुलाकात: विकास साझेदार, प्रतिद्वंद्वी नहीं – SCO शिखर सम्मेलन 2025 की बड़ी खबर तियानजिन (चीन), 31 अगस्त 2025: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। दोनों नेताओं ने रिश्तों को “विकास साझेदारी” की दिशा में आगे बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि भारत-चीन को एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि भागीदार बनना चाहिए। 🔑 बैठक की मुख्य बातें: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और चीन एशिया ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की शांति और प्रगति में अहम भूमिका निभा सकते हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भरोसा जताया कि भारत-चीन मिलकर व्यापार, तकनीक और ऊर्जा सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। सीमा विवाद और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई, लेकिन दोनों देशों ने समाधान संवाद के जरिए खोजने की प्रतिबद्धता जताई। 🌐 SCO शिखर सम्मेलन क्यों खास है? SCO दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान और मध्य एशियाई देश शामिल हैं। इस बार की बैठक का फोकस था – आर्थिक सहयोग, आतंकवाद निरोध, और क्षेत्रीय शांति। सम्मेलन में डिजिटल व्यापार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हरित ऊर्जा पर भी अहम घोषणाएं हुईं। 🇮🇳 भारत के लिए महत्व: भारत के लिए यह बैठक कई मायनों में अहम है क्योंकि: चीन के साथ तनाव कम करने का मौका मिला। वैश्विक स्तर पर भारत की संतुलित विदेश नीति को मजबूती मिली। व्यापार और निवेश के नए अवसर खुल सकते हैं। 📌 निष्कर्ष: मोदी–शी की यह मुलाकात आने वाले समय में भारत-चीन रिश्तों को नया आयाम दे सकती है। हालांकि, असली परीक्षा तब होगी जब सीमा विवाद और व्यापार असंतुलन जैसे मुद्दों पर ठोस नतीजे सामने आएंगे।

पूर्णिया एयरपोर्ट: टिकट बुकिंग शुरू, 15 सितंबर को उद्घाटन; दिल्ली–कोलकाता उड़ानें पहले चरण में